Saturday, 6 February 2016

तेरी तस्वीर.

♥♥♥♥♥ तेरी तस्वीर...♥♥♥♥♥
तेरी तस्वीर वस गयी मन में। 
कोई खुश्बु सी घुल गयी तन में। 
मोर भी झूमे, गा रही कोयल,
जैसे रौनक सी आ गयी वन में। 

तेरी बोली मिठास वाली है। 
तुझसे होली मेरी दिवाली है। 
नूर मिलता है तेरे होने से,
बिन तेरे मेरी राह खाली है। 

तू ही मेरी दुआ, मेरी बरकत,
मेरी ख्वाहिश नहीं किसी धन में। 
मोर भी झूमे, गा रही कोयल,
जैसे रौनक सी आ गयी वन में...

दूर होकर भी दूर न करना। 
मेरे ख्वाबों को चूर न करना। 
बस यूँ ही रहना फूल सी बनकर,
एक पल भी गुरुर न करना। 

तुझसे रिश्ता है "देव" जन्मों का,
ख़त्म न करना इसको अनबन में। 
मोर भी झूमे, गा रही कोयल,
जैसे रौनक सी आ गयी वन में। "

........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-०६.०२.२०१६ 
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "  

1 comment:

ब्लॉग बुलेटिन said...

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " बेवक़्त अगर जाऊँगा " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !