Sunday, 1 July 2012

♥मर्यादित जीवनधारा...♥


♥♥♥♥♥♥♥♥मर्यादित जीवनधारा...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मर्यादित जीवनधारा हो, नैतिकता का समावेश हो!
मानवता के प्रति ह्रदय में, न हिंसा न कोई द्वेष हो!

अपनेपन के दीप जलाकर, तुम जग में उजियारा कर दो!
प्यार, वफ़ा और कोमलता से, सारे जग को प्यारा कर दो!
अंतर्मन में कभी न अपने, ईर्ष्या के तुम भाव जगाना,
मन की सोच को पावन करके , गंगा की जल धारा कर दो!

तुम सच के संवाहक बनना, मिथ्या जैसा नहीं भेष हो!
मर्यादित जीवनधारा हो, नैतिकता का समावेश हो!"

.........."शुभ-दिन".......चेतन रामकिशन "देव"......

♥प्रेम का एहसास..♥


♥♥प्रेम का एहसास..♥♥
मैंने तुमसे प्यार किया है,
नहीं पता प्रमाणित करना!
तुमसे सीखी है कोमलता,
नहीं पता प्रताड़ित करना!

मुझको तेरी आंख के आंसू, अब हमदम अपने लगते हैं!
सखी तेरी आँखों के सपने, अब मुझको अपने लगते हैं!

तुम शब्दों की अनुभूति पर,
नहीं पता परिभाषित करना!
मैंने तुमसे प्यार किया है,
नहीं पता प्रमाणित करना!"

......चेतन रामकिशन "देव".......