Wednesday, 14 November 2012

♥♥प्रेम भरा सहयोग♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्रेम भरा सहयोग♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मिला है जब से सखी तुम्हारा, प्रेम भरा सहयोग!
मुख मंडल को तेज मिला है, मन भी हुआ निरोग!

नहीं प्रेम मैला होता है, न ही दूषित भाव!
निहित प्रेम में होते हर क्षण, अपनेपन के भाव!
जात-पात और धन दौलत से, नहीं प्रीत का मोल,
प्रेम की संपत्ति पाकर के, मिटते सभी अभाव!

प्रेम तो एक जीवन दर्शन है, नहीं विलासी भोग!
मिला है जब से सखी तुम्हारा, प्रेम भरा सहयोग!"

................ (चेतन रामकिशन "देव") ................

♥♥दर्द के आंसू..♥♥



♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥दर्द के आंसू..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
दर्द के आंसू भी प्यारे हैं, खुशियों जैसे ही खारे हैं! 
पर जाने क्यूँ हार देखकर, हम अपनी हिम्मत हारे हैं!

हर इन्सां का मन मंदिर है, हर इंसा के मन में मस्जिद,
मानो तो मन के भीतर ही, गिरजाघर और गुरूद्वारे हैं! 

बस अपने ही दर्द को यारों, तुम सबसे ज्यादा न समझो,
फुटपाथों की ओर देखना, लाखों जन दुःख के मारे हैं!

बाल दिवस पर अखबारों में, इश्तहार छपते हैं बेशक,
लेकिन बालक मजदूरों के, जीवन में बस अंधियारे हैं!

"देव" ये सच है दर्द बहुत है, लेकिन बोझ नहीं है जीवन ,
इस जीवन में कभी दर्द तो, कभी ख़ुशी के फव्वारे हैं!"

.................  (चेतन रामकिशन "देव") .................