♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥फूल.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
फूलों जैसे बनना है तो, दिल से बैर मिटाना सीखो~
अपने हाथों से नफरत की, तुम तलवार गिराना सीखो!
अपनी राहों में फूलों की, तुम चाहत करने से पहले,
औरों के रस्ते में यारों, सुन्दर फूल बिछाना सीखो!
मुश्किल और आंसू से डरकर, नहीं मिली है जीत किसी को,
हर मुश्किल को मेरे यारों, हंसकर गले लगाना सीखो!
धन-दौलत और अहंकार से, नहीं लोग दिल से जुड़ते हैं,
सबके दिल में बसना है तो, अपना शीश झुकाना सीखो!
उम्दा इन्सा बनना है जो "देव" तुम्हे इस दुनियां में तो
मजलूमों के ज़ख्मों पर तुम, मरहम जरा लगाना सीखो
..............चेतन रामकिशन "देव"................