Wednesday 26 November 2014

♥♥♥मोम...♥♥♥♥



♥♥♥♥♥♥♥♥मोम...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
जब पत्थर को मोम बनाया जाता है। 
नफ़रत का हर राग भुलाया जाता है। 

हर ख़्वाहिश पूरी न होती दुनिया में,
कभी कभी खुद को समझाया जाता है। 

ऊंच नीच, दौलत की बातें दूर रहें,
दिल से दिल का मेल कराया जाता है। 

अपनी कमियां भी आँखों में आ जायें,
जब दर्पण खुद को दिखलाया जाता है। 

खुशियां आतीं घर की चोखट पे खुलकर,
जब बिटिया को भी मुस्काया जाता है। 

एक दिन देखो नज़र जहां की पड़ जाये,
प्यार को बेशक लाख छुपाया जाता है। 

"देव" उन्हें भी कद्र दोस्ती की होगी,
आज भले दुश्मन बतलाया जाता है। "

........चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-२६.११.२०१४