Monday, 12 December 2011

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कभी ना खोना सहनशीलता, संयम से रहना सीखो तुम!
करो झूठ का अंत मनों से,सच को सच कहना सीखो तुम!
जीवन का दुःख से भी नाता, फूलों की बस सेज नहीं है,
जैसे सुख को अपनाते हो, दुःख को भी सहना सीखो तुम!"
------------"शुभ-दिन"------चेतन रामकिशन "देव"------