Tuesday 12 March 2013

♥♥प्यार का पंछी..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्यार का पंछी..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
पंछी बनकर उड़ आना तुम, आकर मुझको गीत सुनाना!
और तुम बनकर हवा का झोंका, हमदम मेरा घर महकाना!
एक दूजे का हाथ पकड़कर, धवल चांदनी में घूमेंगे,
कुछ तुम मेरे दिल की सुनना, कुछ तुम अपना हाल बताना!

खुले आसमां के नीचे जब, अपने दिल की बातें होंगी!
होगा आलम बड़ा सुहाना, प्यार भरी बरसातें होंगी!

इस बारिश में भीग के हमदम, जुल्फों से मोती बिखराना!
पंछी बनकर उड़ आना तुम, आकर मुझको गीत सुनाना!"

..........................चेतन रामकिशन "देव".......................
दिनांक-१२.०३.२०१३

♥♥नाम के रिश्ते..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥नाम के रिश्ते..♥♥♥♥♥♥♥♥♥
नाम के रिश्ते तो एक पल में चटक जाते हैं!
लोग दौलत के लिए, राह भटक जाते हैं!

मुझको भाता है बहुत देखना उस वक्त उन्हें,
वो मेरे सामने जब जुल्फें, झटक जाते हैं!

देखो नेताओं को सब कुछ ही हजम होता है,
बिना पानी के ये ताबूत सटक जाते हैं!

वैसे सब कहते हैं, बेटी को रूप दुर्गा का,
फिर भी बेटी को ही सड़कों पे, पटक जाते हैं!

अपने रिश्तों की यहाँ, "देव" जरा कद्र करो,
नहीं मिलते हैं वो, देखो जो छिटक जाते हैं!"

............चेतन रामकिशन "देव".............
दिनांक-१२.०३.२०१३