Wednesday 27 May 2015

♥♥बेड़ी...♥♥

♥♥♥♥♥♥बेड़ी...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
जागती रात, अश्क़ बहते रहे। 
दर्द अपना खुदी से कहते रहे। 

उसके आने की आस में देखो,
चांदनी हम झुलस के सहते रहे। 

रेत के जैसे ख्वाब ही थे मेरे,
ठेस लगते ही देखो ढ़हते रहे। 

आदमी होने का हुनर न जिसे,
हम खुदा उसको रोज कहते रहे। 

ये तड़प और कितनी बेचैनी,
करवटें हम बदलके रहते रहे। 

खून निकला नहीं कटी बेड़ी,
अपनी एड़ी के घाव सहते रहे। 

 "देव" दिल के चीर दिखाना पड़ा,
वो मेरे सच को, झूठ कहते रहे। "

......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-२७.०५.२०१५ 
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित।  

Tuesday 26 May 2015

♥रंजिश...♥

♥♥♥♥♥♥♥रंजिश...♥♥♥♥♥♥♥♥
कितनी रंजिश जता रहा है वो। 
मुझको पत्थर बता रहा है वो। 

जो मेरे दर्द से जुड़ा था कभी,
आज मुझको सता रहा है वो। 

जिसने बोला था सुबह आऊंगा,
शाम से लापता रहा है वो। 

उसने लिखा था प्रेम का जो खत,
आज तक बेपता रहा है वो। 

"देव" लिखता जो प्रेम के मुक्तक,
मुझको नफरत बता रहा है वो। "

......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-२६.०५.२०१५ 
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। " 

Sunday 24 May 2015

♥♥जुर्म...♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥जुर्म...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
प्यार है जुर्म तो, जला दो हमें। 
ख़ाक में आओ तुम, मिला दो हमें। 

मुझसे रिश्ता नहीं, तो क्या गम है,
एक लम्हे में तुम, भुला दो हमें। 

अब दवाओं का, न असर कोई,
कोई कड़वा ज़हर, पिला दो हमें। 

हमने तो जिंदगी तुम्हे सौंपी,
तुम जो चाहो, वही सिला दो हमें। 

तेरी राहों को, मैं नहीं रोकूँ,
मौत की नींद तुम, सुला दो हमें। 

लडख़ड़ायें जो न कदम मेरे,
बिन सहारे के तुम, चला दो हमें। 

ये जहाँ मेरे बिन, रुकेगा नहीं,
उम्र भर चाहें, फासला दो हमें। "

......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-२४.०५.२०१५  
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "


Tuesday 19 May 2015

♥♥ममता...♥♥

♥♥♥♥♥ममता...♥♥♥♥♥♥♥
मुझपे ममता का रंग डाला है। 
मेरी आँखों में जो उजाला है। 

बस दुआ देके दर्द खींच लिया,
माँ तेरा प्यार भी निराला है। 

तेरी हिम्मत की दाद देता हूँ,
कितनी मुश्किल से हमको पाला है। 

तुमने तालीम दी हक़ीक़त की,
हमके गिरते हुये संभाला है। 

माँ तेरी हर छुअन है फूलों सी,
तुमने काँटा हर एक निकाला है। 

मेरी ख्वाहिश जो कर सको पूरी,
मेरी आदत में खुद को ढ़ाला है। 

"देव" माँ को सुकून है मुझसे,
मुझको भी माँ का नाम आला है। "

......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक- २०.०५.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। " 


Saturday 16 May 2015

♥♥इंतजार...♥♥

♥♥♥♥♥♥इंतजार...♥♥♥♥♥♥♥
मुझको ये इंतजार भाता नही। 
बिन तुम्हारे क़रार आता नही। 

तेरी सूरत है बस निगाहों में,
हर किसी पे तो प्यार आता नहीं। 

मेरे सपनों की आरज़ू तुम हो,
बिन तेरे ख्वाब मैं सजाता नहीं। 

बिन तेरे लय है, न ही लफ्ज़ कोई,
कंठ भी कोई गीत गाता नहीं। 

तुझको आने में न पड़े मुश्किल,
सोचकर दीप मैं बुझाता नहीं। 

बिन तेरे पतझड़ों के साये हैं,
प्यार का मेघ कोई छाता नहीं। 

"देव" तुम बिन बहुत अँधेरा है,
चाँद आँखों में जगमगाता नहीं। "

......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक- १६.०५.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। " 

Friday 15 May 2015

♥♥हालात...♥♥

♥♥♥♥♥♥♥हालात...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
न फिसल जाऊं, इसका डर है मुझे।
अपने हालात की खबर है मुझे।

मेरी आँखों में वो समाई है,
प्यार की आज भी, कदर है मुझे।

जलजले ने भले उजाड़ दिया,
आज भी प्यारा मेरा, घर है मुझे।

मुझको अमृत दिखाके न छेड़ो,
हाँ जहर पीने का, हुनर है मुझे।

रात भर चाँद से मुलाकातें,
धूप भी दिन में बेअसर है मुझे।

तूने रस्ते में मुझको छोड़ा मगर,
आज भी तेरी ही, फिकर है मुझे।

"देव "  हर रोज तेरी राह तकूं,
तुम न आओगे ये, खबर है मुझे। "

......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक- १५ .०५.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "

Wednesday 13 May 2015

♥♥कहो कुछ अब...♥♥

♥♥♥♥♥कहो कुछ अब...♥♥♥♥♥♥
रात खामोश है, कहो कुछ अब। 
ऐसे चुप चुप नहीं, रहो तुम अब। 

मैं नदी बनके, तुममें खो जाऊं,
बनके सागर जरा, बहो तुम अब। 

प्यार में हक़ है, अपनेपन का तुम्हे,
अजनबी मुझको न, कहो तुम अब। 

अपने आग़ोश में समा लो मुझे,
दूरियां कोई न, सहो तुम अब। 

लोग पढ़कर जो हमको याद करें,
दास्तां प्यार की, कहो तुम अब। 

अपनी आँखों से तुमको छूना है,
कोई परदे में न, रहो तुम अब। 

"देव" तुमको सुना दूँ हाले-दिल,
अपने जज़्बात तो, कहो तुम अब। "

......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक- १३ .०५.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। " 

Tuesday 12 May 2015

♥♥मेरी सूरत में...♥♥


♥♥♥♥मेरी सूरत में...♥♥♥♥
मेरी सूरत में तुम समाई हो। 
सांस बनकर करीब आई हो। 

तुमको देखूं तो रंग खिल जायें,
बनके रिमझिम फुहार छाई हो। 

तेरे छूने से चैन मिल जाये,
तुम मेरे दर्द की दवाई हो। 

मेरे ग़ज़लों का नूर है तुमसे,
और तुम ही मेरी रुबाई हो। 

तुम हमेशा को पास आ जाओ,
दूर जाने की न बुराई हो। 

हर जनम में तुम्हारा साथ मिले,
बस खुदा की यही खुदाई हो। 

"देव" मेरी हो तुम मेरी रहना,
न कभी कहना के पराई हो। "'

.......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक- १२.०५.२०१५

" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "

Sunday 10 May 2015

♥♥♥माँ...♥♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥माँ...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तेरे क़दमों में सर झुका लूं माँ। 
जन्नतें मैं ज़मीं पे, पा लूं माँ। 

मैंने देखा नहीं कभी रब को,
मंदिरों में तुझे सजा लूं माँ। 

तेरा किरदार  है बहुत उम्दा,
तुझको पलकों पे, मैं छुपा लूं माँ। 

मुझको मखमल की जब जरुरत हो,
तेरे आँचल में सर छुपा लूं माँ। 

मेरी उस लम्हा भूख मिट्टी है,
तेरे हाथों से अन्न खा लूं माँ। 

तुझको काँटा नहीं चुभे कोई,
तेरी राहों में फूल डालूं माँ। 

हर जनम तेरी कोख से जन्मूँ,
"देव " बस ये दुआ निभा लूं माँ। "

 .......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक- १०.०५.२०१५

Wednesday 6 May 2015

♥आदमी हूँ...♥

♥♥♥♥♥♥आदमी हूँ...♥♥♥♥♥♥♥
आदमी हूँ नहीं खुदा करिये। 
मुझको खुद से नहीं जुदा करिये। 

जो बदलकर मुझे करो उल्फत,
प्यार में ऐसी न अदा करिये। 

जिनको न कद्र हो मोहब्बत की,
उनपे दिल अपना न फ़िदा करिये। 

जिनके बिन जिंदगी अधूरी रहे,
भूल से उनको न विदा करिये। 

हो जरुरत जिन्हे सहारे की ,
बोझ बन उन पे न लदा करिये। 

लोग बख्शें जो लानतें हर पल,
नाम की ऐसी न सदा करिये। 

"देव" जो  बेचते यहाँ सच को,
झूठ की उनकी, न निदा करिये। "

.........चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक- ०६.०५.२०१५

Tuesday 5 May 2015

♥ बेजुबान... ♥

♥ ♥ ♥ ♥ बेजुबान... ♥ ♥ ♥ ♥
झूठ पे इत्मीनान करना पड़ा। 
खुद को ही बेजुबान करना पड़ा। 

जलजले ने उजाड़े घर जब से,
आसमां को मकान करना पड़ा। 

मेरे कातिल वो, पर मेरी चाहत,
उनके हक़ में बयान करना पड़ा। 

हारके जिंदगी से मरना नहीं,
गिरते गिरते उठान करना पड़ा। 

वक़्त न ली जो आज फिर करवट,
उनको मेरा बखान करना पड़ा। 

बेइमां कहके वो मुझे खुश थे,
आप छलनी, ईमान करना पड़ा। 

"देव" जिंदा पे तो हुई न कदर, 
खुद को मरकर, महान करना पड़ा। "

.........चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक- ०६.०५.२०१५