Tuesday 13 December 2011

♥♥आज के नेता ♥♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥आज के नेता ♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
गंगा के तट पर जाकर के, जो पीते "किनले" का पानी,
ऐसे खद्दरधारी आखिर कैसे साफ करेंगे गंगा!

वो जिनको मतलब है खुद से, झोली जो भरते हैं अपनी,
उनके जाने देश बिके या बिक जाए ध्वज तिरंगा!

उनका मकसद सत्ता पाना, मौज उड़ाना, धूम मचाना,
इसकी खातिर फूट डालकर, जनता में करवाते दंगा!

उनके घर हैं महल सरीखे, उनका जीवन राजा जैसा,
वो क्या जाने निर्धनता को, वो क्या जाने भूखा-नंगा!"


" राजनीति, राज्य / देश के सञ्चालन की नीति अब व्यवसाय बनती जा रही है!
सफेदपोश लोग बस सत्ता के लालच में वो सब भी करने/ कराने से नहीं चूकते
जो देश, समाज और भाईचारे, अमन के हित में नहीं होता! तो आइये कुछ चिंतन करें!

चेतन रामकिशन "देव"
१३.१२.२०११