♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥उजली किरण.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सुबह की उजली किरण ने देखो, किया है रोशन जहाँ ये सारा!
हवा भी शीतल सी बह रही है, बड़ा ही दिलकश है यह नज़ारा!
तुम मन्दिर के ज्योति कलश सा, मन अपने को शुद्ध बनाना!
अपनी खुशियों की खातिर तुम , किसी के दिल को नहीं दुखाना!
ये जग कभी ना सुधर सकेगा जो हम ने खुद को ना सुधारा!
सुबह की उजली किरण ने देखो, किया है रोशन जहाँ ये सारा!"
............"शुभ-दिन"....चेतन रामकिशन "देव"...............