♥♥♥जीवन का नियम.♥♥♥
कभी जहर तो कभी दवा है!
कभी घुटन तो कभी हवा है!
कभी दर्द तो कभी खुशी है,
कभी हैं आंसू, कभी हंसी है!
कभी हार तो कभी जीत है,
कभी है रंजिश, कभी प्रीत है!
कभी रिक्त है, कभी भरा है!
कभी है धुंधला, कभी खरा है!
कभी सुमन है, कभी खार है,
कभी दिलासा, कभी मार है!
कभी दंड है, कभी है मुक्ति!
कभी है उलझन, कभी है युक्ति!
कभी है कोमल, कभी चुभन है!
कभी है ज्वाला, कभी अमन है!
कभी सरल है, कभी विषम है!
इस जीवन का यही नियम है!
हंसकर चाहें,
रोकर चाहें,
इसी नियम पर चलते जाओ!
याद करेगी,
"देव" ये दुनिया,
दीपक बनकर जलते जाओ!"
…चेतन रामकिशन "देव"….
दिनांक-१२.०९.२०१३
कभी जहर तो कभी दवा है!
कभी घुटन तो कभी हवा है!
कभी दर्द तो कभी खुशी है,
कभी हैं आंसू, कभी हंसी है!
कभी हार तो कभी जीत है,
कभी है रंजिश, कभी प्रीत है!
कभी रिक्त है, कभी भरा है!
कभी है धुंधला, कभी खरा है!
कभी सुमन है, कभी खार है,
कभी दिलासा, कभी मार है!
कभी दंड है, कभी है मुक्ति!
कभी है उलझन, कभी है युक्ति!
कभी है कोमल, कभी चुभन है!
कभी है ज्वाला, कभी अमन है!
कभी सरल है, कभी विषम है!
इस जीवन का यही नियम है!
हंसकर चाहें,
रोकर चाहें,
इसी नियम पर चलते जाओ!
याद करेगी,
"देव" ये दुनिया,
दीपक बनकर जलते जाओ!"
…चेतन रामकिशन "देव"….
दिनांक-१२.०९.२०१३