Friday, 1 February 2013

♥♥सपने..♥♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥सपने..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
रंग-बिरंगे गुब्बारों से, कुछ सपने आँखों में आते!
कभी किसी में आंसू बिखरें, कभी किसी में हम मुस्काते!

सपनों की दुनिया में बेशक, कभी धूप तो, कभी है छाया!
जो जीवन से दूर हुए हैं, इन सपनों ने उन्हें मिलाया!
शबनम की बूंदों के जैसे, सपने सचमुच ही प्यारे हैं,
इसीलिए तो इन आँखों से, सपनों का संसार रचाया!

कभी विरह की तान छेड़ते, कभी मिलन के दोहे गाते!
रंग-बिरंगे गुब्बारों से, कुछ सपने आँखों में आते!"

....................चेतन रामकिशन "देव".................
दिनांक-०१.०२.२०१३