Wednesday 4 April 2012


♥♥मुफ़लिस का रोना..♥♥♥♥
ये सैलाब नहीं बस मेरी आंखों का,
इस सैलाब में हर मुफ़लिस का रोना है!

मुफ़लिस का जीवन कटता है इस तरहा,
जैसे अपनी लाश को जिन्दा ढोना है!

नेता कुछ दिन में ही अरबपति बनते,
लगे सियासत में कोई जादू-टोना है!

मुफ़लिस की उम्मीद को हर कोई तौड़े,
हर सरकार का कद पहली से बौना है!

"देव" न जाने मुफ़लिस कब तक रोएगा,
जाने कब तक उसके साथ ये होना है!"

"
देश में दिन प्रतिदिन निर्धनता बढती जा रही है!
इस देश में नेता महीनों में अरबपति हो जाते हैं! इस देश में उद्योगपति महीनों में अरबपति हो जाते हैं, और निर्धन, मजदूर, किसान उम्र के पूरे ६०-७० साल में भी लखपति नहीं हो पाता! कितनी भयावह दशा है, तो आइये चिंतन करें! "

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक--०५.०४.२०१२

सर्वाधिकार सुरक्षित!
रचना मेरे ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित!


♥प्यार में दूरी..♥


♥♥♥♥♥प्यार में दूरी..♥♥♥♥♥♥
जब तू आँखों से मेरी दूर चला जाता है!
हो हवा तेज भी पर साँस नहीं आता है!

मेरे आंसू भी इस तरह से यार बहते हैं,
जैसे के बाढ़ में, सैलाब उमड़ आता है!

वो भी चाहता है मेरे आसपास ही रहना,
काम हर रोज मगर कोई निकल आता है!

प्यार में दूरियां करती हैं इस कदर तन्हा,
एक दिन भी यहाँ बरसों की तरह आता है!

"देव" आता है लौटकर तो ऐसे मिलता है,
जैसों बरसों का गया लौटके घर आता है!


"महबूब के बिना सब कुछ सूना सूना लगता है! एक दिन भी सालों जैसा लगता है, आंसू भी आते हैं, नींद तो आती ही नहीं, पर
जब मिलन होता है तो प्रेम पहले से भी ज्यादा होता है! वाकई प्रेम बड़ा अनमोल है, तो आइये प्रेम करें!


चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-०४.०४.२०१२

सर्वाधिकार सुरक्षित