Monday, 2 April 2012

♥गाँधी चित्रित नोट..♥


♥♥♥गाँधी चित्रित नोट..♥♥♥
गाँधी चित्रित नोट के सब दीवाने हैं,
पर गाँधी की राह कोई चलता ही नहीं!

हमने हिंसा के दिन इतने दीर्घ किये,
नफरत का सूरज देखो ढलता ही नहीं!

खून बहाकर भी होता अफ़सोस नहीं,
बर्फ किसी की आँखों से गलता ही नहीं!

पर इस बात का इल्म कभी भी कर लेना,
इस हिंसा से कोई गुल खिलता ही नहीं!

"देव" न दौलत की खातिर रिश्ते बेचो,
बस दौलत से रूह को सुख मिलता ही नहीं!"


"
जरा सोचें, एक तरफ तो नफरत से कुछ भी तो नहीं मिलता, बस बहता है खून, जलती हैं चितायें, टूटता है मानवता का रिश्ता, छूटते हैं अपने जबकि दूसरी तरफ प्रेम और सदभाव से, गुल खिलते हैं, मानवीयता का सम्बन्ध मजबूत होता है! तो आइये चिंतन करें! "

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक- ०३.०४.२०१२

"शुभ-दिन"

सर्वाधिकार सुरक्षित




♥माँ की छवि...♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥माँ की छवि...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
माँ से ही रौनक है घर की, महक रही है गुलों की क्यारी!
हमारी माँ है बहुत दयालु, हमारी माँ है बहुत ही प्यारी!
ईश्वर ने सोचा वो कैसे, सभी को इक जैसा प्यार देंगे,
इसी सोच के दृष्टिगत ही, ईश ने माँ की छवि उतारी!

हमारा लालन, हमारा पालन, हमारा जीवन सुधारती है!
शहद से मीठे मधुर वचन से, हमारी माँ ही पुकारती है!

माँ का त्याग बड़ा अनुपम है, वो पीड़ा देखो सहे हमारी!
माँ से ही रौनक है घर की, महक रही है गुलों की क्यारी!"


" माँ, सबसे अनमोल छवि! व्याख्या के लिए शब्दकोष लघु लगता है!
इतना बड़ा कद है माँ का!"

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक--०२.०४.२०१२

मेरी प्यारी दोनों माताओं के लिए!