Monday, 2 April 2012

♥माँ की छवि...♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥माँ की छवि...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
माँ से ही रौनक है घर की, महक रही है गुलों की क्यारी!
हमारी माँ है बहुत दयालु, हमारी माँ है बहुत ही प्यारी!
ईश्वर ने सोचा वो कैसे, सभी को इक जैसा प्यार देंगे,
इसी सोच के दृष्टिगत ही, ईश ने माँ की छवि उतारी!

हमारा लालन, हमारा पालन, हमारा जीवन सुधारती है!
शहद से मीठे मधुर वचन से, हमारी माँ ही पुकारती है!

माँ का त्याग बड़ा अनुपम है, वो पीड़ा देखो सहे हमारी!
माँ से ही रौनक है घर की, महक रही है गुलों की क्यारी!"


" माँ, सबसे अनमोल छवि! व्याख्या के लिए शब्दकोष लघु लगता है!
इतना बड़ा कद है माँ का!"

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक--०२.०४.२०१२

मेरी प्यारी दोनों माताओं के लिए!

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