♥♥♥♥♥♥♥प्रेम-दीप...♥♥♥♥♥♥
प्रेम का दीप तुमने जलाया सखी!
प्रेम का गीत तुमने सुनाया सखी!
प्रेम के रंगों में तुमने रंगकर हमें,
मेरे जीवन को सुन्दर बनाया सखी!
प्रेम से मेरा जीवन सरल कर दिया!
प्रेम से मेरा घर भी महल कर दिया!
गोद में शीश रखकर सुलाया सखी!
प्रेम का दीप तुमने जलाया सखी.....
प्रेम के तुमने देकर हमे शुभ-वचन!
क्रोध का अंत करके दिया है शमन!
मेरे जीवन को तुमने दिखाई दिशा,
स्वार्थ भावों की तुमने बुझाई दहन!
प्रेम से मेरा जीवन निखिल कर दिया!
मेरे पाषाण मन को सजल कर दिया!
प्रेम का पाठ तुमने पढाया सखी!
प्रेम का दीप तुमने जलाया सखी....
प्रेम का दीप मन में जले अनवरत!
प्रेम हिंसा के भावों को करता विरत!
प्रेम तुमने मुझे "देव" जबसे दिया,
न दुरित सोच है, न ही चिंतन गलत!
प्रेम से आत्मा को धवल कर दिया!
प्रेम से मेरा जीवन सबल कर दिया!
प्रेम का स्वप्न तुमने सजाया सखी!
प्रेम का दीप तुमने जलाया सखी!"
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प्रेम, जीवन को न सिर्फ अपनत्व देता है अपितु प्रेम के द्वारा व्यक्ति को सकारात्मकता भी मिलती है! प्रेम के दीप जहाँ जलते हैं वहां पर हिंसा की सोच नहीं होती और व्यक्ति दुरित भावों को त्याग देता है! तो आइये प्रेम करें!
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक--०५.०३.२०१२
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