Sunday, 4 March 2012

♥मायूसी.....♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥मायूसी.....♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
बिना तुम्हारे मायूसी है, चैन-सुकूं सब कुछ खोया है!
आंखें भी अश्कों से भीगीं और सीने में दिल रोया है!
जिसने अपना हमको कहकर मेरे आंसू अपनाये थे,
आज उसी ने मेरी राह में, काँटों का पतझड़ बोया है!"
....................चेतन रामकिशन "देव"....................

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