Tuesday 12 May 2015

♥♥मेरी सूरत में...♥♥


♥♥♥♥मेरी सूरत में...♥♥♥♥
मेरी सूरत में तुम समाई हो। 
सांस बनकर करीब आई हो। 

तुमको देखूं तो रंग खिल जायें,
बनके रिमझिम फुहार छाई हो। 

तेरे छूने से चैन मिल जाये,
तुम मेरे दर्द की दवाई हो। 

मेरे ग़ज़लों का नूर है तुमसे,
और तुम ही मेरी रुबाई हो। 

तुम हमेशा को पास आ जाओ,
दूर जाने की न बुराई हो। 

हर जनम में तुम्हारा साथ मिले,
बस खुदा की यही खुदाई हो। 

"देव" मेरी हो तुम मेरी रहना,
न कभी कहना के पराई हो। "'

.......चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक- १२.०५.२०१५

" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "