Sunday 27 January 2013

♥आसमान..♥

♥♥♥♥♥♥♥♥आसमान..♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सपने हजार दिल में है, मन में उड़ान है!
छूना हमें एक रोज, यहाँ आसमान है!

आँखों को तेरे बिन, कोई चेहरा नहीं भाता,
बिन तेरे अधूरा हूँ मैं, तू मेरी जान है!

अपनों के दिए ज़ख्म, भले भर गए लेकिन,
पर दिल पे मेरे ज़ख्म का, अब तक निशान है!

वो साथ था जब तक, तो यहाँ रहती थीं खुशियाँ,
उसके बिना ये घर नहीं, खाली मकान है!

अब "देव" मुझे डर नहीं, तन्हाई का कोई,
मेरे साथ जो यादों का, हसीं बागवान है!"

.........चेतन रामकिशन "देव"..........
दिनांक-२७.०१.२०१३