Wednesday 12 December 2012

♥शब्दों की डोर..♥

♥♥♥♥♥♥♥शब्दों की डोर..♥♥♥♥♥♥♥♥
शब्द से शब्द की एक डोर बना देंगे हम!
अपनी आवाज को पुरजोर बना देंगे हम!

अपने भावों को हकीक़त का आवरण देकर,
दर्द की रात को भी भोर बना देंगे हम!

हमको इतना तो यकीं अपने होंसले पर है,
गम के एहसास को कमजोर बना देंगे हम!

किसी भी मुल्क की ताकत है नौजवानों से,
अपने भारत को भी सिरमौर बना देंगे हम!

"देव" धुल जाएगी ये दिल से काई नफरत की,
प्यार की वर्षा को घनघोर बना देंगे हम!"

..........चेतन रामकिशन "देव".............(१२.१२.२०१२)