Wednesday 7 November 2012

♥बहनें(खिलती फुलवारी)♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥बहनें(खिलती फुलवारी)♥♥♥♥♥♥♥♥♥
बड़ी लाडली बहन हमारी, लगती है फूलों की क्यारी!
जब वो हंसती गाती है तो, खिल जाए कोई फुलवारी!
माँ की तरह कभी वो मुझको, सही बात की रट लगवाए,
और कभी बूढी दादी बन, उसने मेरी नजर उतारी!

बहन कभी है मित्र सरीखी, कभी बहन अभिभावक बनती!
कभी वो हमको दिशा दिखाए, कभी नेह की वाहक बनती!

बहन कभी उजला दीपक है, कभी हर्ष की है पिचकारी!
बड़ी लाडली बहन हमारी, लगती है फूलों की क्यारी...

बिना बहन के घर का आँगन, लगता है बस खाली-खाली!
जिस घर में बहनें होती हैं, उस घर में होती खुशहाली!
बिन बहनों के पर्व अधूरे, सूनी है अमुआ की डाली,
बहनों से जगमग होते हैं, ईद, दशहरा और दिवाली!

बहन का ह्रदय बड़ा ही कोमल, बहन का ह्रदय बड़ा दयालु!
बहन सदा ही अपनापन दे, बहन सदा होती कृपालु!

बहन की बातें बड़ी ही मीठी, बहन की बातें शिष्टाचारी!
बड़ी लाडली बहन हमारी, लगती है फूलों की क्यारी...

बहनों को न दंड समझना, बहनों को न भार समझना!
बहनों को न शूल समझना, बहनों को न हार समझना!
"देव" न उनको शस्त्र समझना, न उनको प्रहार समझना!
बहनों को अपने जीवन का, एक सुन्दर सिंगार समझना!

बहन की बोली कोयल जैसी, हर भाई के मन को भाती!
कभी भाई पीड़ा में हो तो, वो अश्रु की नदी बहाती!

बहन सितारों जैसी जगमग, बहन चांदनी सी उजियारी!  
बड़ी लाडली बहन हमारी, लगती है फूलों की क्यारी!"

"
बहनें- कभी मित्र, कभी सहेली बनकर, कभी माँ की तरह ममता का प्रतिनिधित्व करने वाली, भाई की पीड़ा के क्षणों में, भाई को साहस और स्नेह देने वाली, बहनें वास्तव में सम्मान, स्नेह और वंदन के योग्य हैं..तो आइये बहनों का सम्मान करें.."

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-०८.११.२०१२