Friday, 2 December 2011

♥दिल की कोई बात लिखें ♥♥

"♥♥♥♥♥♥♥♥♥दिल की कोई बात लिखें ♥♥♥♥♥♥♥♥
कलम उठाकर अपने मन की, दिल की कोई बात लिखें!
कभी अमावस का गहरापन , कभी चांदनी रात लिखें!

कभी नदी की कल-कल वाणी, कभी हवा में बहती खुश्बू,
कभी गगन में उड़ते पंछी, सुन्दर ये सौगात लिखें!

कभी सुखों की परिभाषा हो, पीड़ा से संघर्ष कभी,
कभी किसी के विरह की पीड़ा, कभी किसी का साथ लिखें!

एक हैं मानव, एक लहू है, और सभी को मौत बनी,
हिन्दू- मुस्लिम कोई नहीं है, बस ये मानव-जात लिखें!

कलम डिगे न, कलम रुके न, अवसर चाहें जैसे भी हों,
सच का लेखन सदा करें हम, सच्चाई की बात लिखें!"

..चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक----०२.१२.२०११