♥♥♥♥♥♥♥प्रेम का दीपक....♥♥♥♥♥♥♥♥♥
चित्त में तेरी छवि है, आत्मा में तू वसी है!
प्रेम का तू दिव्य दीपक, तू बड़ी सुन्दर सखी है!
हर घड़ी तेरा ये जीवन, हर्ष के पथ पे रहे बस,
तू ही आशा, तू ही उर्जा, और तुझसे हर खुशी है!
तुमसे शब्दों की तरंगे, तुमसे भावों की मधुरता!
जो न मिलता साथ तेरा, तो नहीं जीवन सुधरता!
मेरे हाथों में तुम्हारे, प्रेम की मेहंदी रची है!
चित्त में तेरी छवि है, आत्मा में तू वसी है…
तुम जहाँ हो खुश रहो बस, आंख को आंसू मिले न!
दर्द की तपती अगन से, ये तुम्हारा दिल जले न!
"देव" तुझको जिंदगी में, कोई उलझन न सताए,
कोई तुझको ठेस न दे, और तेरा दिल छले न!
तुम लगन हो, आस्था हो, रूह का नाता तुम्हीं से!
और व्याकुल मन को मेरे, चैन भी आता तुम्हीं से!
तुमसे पथ में हैं सुमन और तुमसे ही दुनिया सजी है!
चित्त में तेरी छवि है, आत्मा में तू वसी है!"
............चेतन रामकिशन "देव"............
दिनांक-०७.०९.२०१३
चित्त में तेरी छवि है, आत्मा में तू वसी है!
प्रेम का तू दिव्य दीपक, तू बड़ी सुन्दर सखी है!
हर घड़ी तेरा ये जीवन, हर्ष के पथ पे रहे बस,
तू ही आशा, तू ही उर्जा, और तुझसे हर खुशी है!
तुमसे शब्दों की तरंगे, तुमसे भावों की मधुरता!
जो न मिलता साथ तेरा, तो नहीं जीवन सुधरता!
मेरे हाथों में तुम्हारे, प्रेम की मेहंदी रची है!
चित्त में तेरी छवि है, आत्मा में तू वसी है…
तुम जहाँ हो खुश रहो बस, आंख को आंसू मिले न!
दर्द की तपती अगन से, ये तुम्हारा दिल जले न!
"देव" तुझको जिंदगी में, कोई उलझन न सताए,
कोई तुझको ठेस न दे, और तेरा दिल छले न!
तुम लगन हो, आस्था हो, रूह का नाता तुम्हीं से!
और व्याकुल मन को मेरे, चैन भी आता तुम्हीं से!
तुमसे पथ में हैं सुमन और तुमसे ही दुनिया सजी है!
चित्त में तेरी छवि है, आत्मा में तू वसी है!"
............चेतन रामकिशन "देव"............
दिनांक-०७.०९.२०१३