♥♥♥♥♥♥♥♥♥धवल प्रेम...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
गुलाबी रंग अधरों का, तुम्हारे केश हैं प्यारे!
नयन ऐसे चमकते हैं, गगन में जैसे हैं तारे!
हँसी है आपकी सुंदर, मधुरता से भरी बोली!
तुम्हारे प्रेम ने खुशियों से, भर दी है मेरी झोली!
है दर्पण सोच का सुन्दर, नहीं मन में कोई छल है,
तुम्हारे प्रेम में शुद्धि, हो चन्दन, जैसे हो रोली!
तुम्हारा प्रेम में मन जीतने के, हैं हुनर सारे!
गुलाबी रंग अधरों का, तुम्हारे केश हैं प्यारे!"
..............चेतन रामकिशन "देव".................