♥♥♥♥♥♥♥♥♥मोहब्बत की खेती.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
करो खेती मोहब्बत की, न नफरत की फसल बोना!
अगर मिल जाए दौलत भी, तो अपना होश न खोना!
मिली है जिंदगी तो सुख भी होंगे, दुःख भी आयेंगे,
गमों के खौफ से डरकर, कभी जीवन में न रोना!
अगर इज्ज़त की चाहत है, तो इज्ज़त बाँटना सीखो,
कभी पीतल के अंकुर बोने से, उग पाए न सोना!"
........"शुभ-दिन"...चेतन रामकिशन "देव "...............
करो खेती मोहब्बत की, न नफरत की फसल बोना!
अगर मिल जाए दौलत भी, तो अपना होश न खोना!
मिली है जिंदगी तो सुख भी होंगे, दुःख भी आयेंगे,
गमों के खौफ से डरकर, कभी जीवन में न रोना!
अगर इज्ज़त की चाहत है, तो इज्ज़त बाँटना सीखो,
कभी पीतल के अंकुर बोने से, उग पाए न सोना!"
........"शुभ-दिन"...चेतन रामकिशन "देव "...............