Friday 29 March 2013

♥♥गीतों के बोल.♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥गीतों के बोल.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तेरी याद में मेरे हमदम, कुछ गीतों के बोल लिखूंगा!
मैं अपने लफ्जों से अपने, जीवन का भूगोल लिखूंगा!

मेरे यारों शै उल्फत की, नहीं बाजारों में बिकती है,
इसीलिए मैं इस उल्फत को, हर पल ही बेमोल लिखूंगा!

तेरे नूर की उजली किरणें, धवल चांदनी के जैसी हैं,
मैं तेरे प्यारे मुखड़े को, चाँद की तरह गोल लिखूंगा!

इस दुनिया में बिन मेहनत के, मंजिल पास नहीं आती है,
बिन हिम्मत के अपने कश्ती, हर पल डांवाडोल लिखूंगा!

"देव" यहाँ पर जिन लोगों को, भाता है बस खून खराबा,
मैं ऐसे लोगों के तन पर, जंगलीपन का खोल लिखूंगा!"

..................चेतन रामकिशन "देव"..................
दिनांक-२९.०३.२०१३