♥♥♥♥♥♥जिद...♥♥♥♥♥♥♥♥
टूटते ख्वाब जोड़ने की जिद।
गम की चट्टान तोड़ने की जिद।
आ रहा है जो, दर्द का तूफां,
उसको वापस ही मोड़ने की ज़िद।
जिसने इलज़ाम ही दिये मुझको,
वो शहर तेरा छोड़ने का ज़िद।
वक़्त ने मेरे पंख काटे जब,
होंसला लेके दौड़ने की जिद।
"देव" तुम प्यार से तो ले लो जां,
आँख दुश्मन की फोड़ने की जिद। "
........चेतन रामकिशन "देव"……
दिनांक-०७.०८.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित।
टूटते ख्वाब जोड़ने की जिद।
गम की चट्टान तोड़ने की जिद।
आ रहा है जो, दर्द का तूफां,
उसको वापस ही मोड़ने की ज़िद।
जिसने इलज़ाम ही दिये मुझको,
वो शहर तेरा छोड़ने का ज़िद।
वक़्त ने मेरे पंख काटे जब,
होंसला लेके दौड़ने की जिद।
"देव" तुम प्यार से तो ले लो जां,
आँख दुश्मन की फोड़ने की जिद। "
........चेतन रामकिशन "देव"……
दिनांक-०७.०८.२०१५
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