♥♥♥♥♥♥♥तुम तन्हाई में जान न देना...♥♥♥♥♥♥♥
तुम न कहना बुरा वक्त को, कुदरत को इल्जाम न देना!
ए हमदम मेरी मजबूरी को, तुम धोखे का नाम न देना!
मेरे दिल में केवल तुम हो, नहीं किसी का साया आया!
नहीं किसी के सपने देखे, नहीं किसी को गले लगाया!
हर पल तेरी ही यादों में, दिवस, रात और सुबह शाम है,
तेरी सूरत जब भी चाही, पलक बंद कर पास बुलाया!
मैं जल्दी से आऊंगा वापस, तुम तन्हाई में जान न देना!
तुम न कहना बुरा वक्त को, कुदरत को इल्जाम न देना!"
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक--०९.०१.२०१२
तुम न कहना बुरा वक्त को, कुदरत को इल्जाम न देना!
ए हमदम मेरी मजबूरी को, तुम धोखे का नाम न देना!
मेरे दिल में केवल तुम हो, नहीं किसी का साया आया!
नहीं किसी के सपने देखे, नहीं किसी को गले लगाया!
हर पल तेरी ही यादों में, दिवस, रात और सुबह शाम है,
तेरी सूरत जब भी चाही, पलक बंद कर पास बुलाया!
मैं जल्दी से आऊंगा वापस, तुम तन्हाई में जान न देना!
तुम न कहना बुरा वक्त को, कुदरत को इल्जाम न देना!"
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक--०९.०१.२०१२