Thursday, 29 November 2012

♥♥लफ्जों की रौशनी..♥♥


♥♥♥♥♥♥लफ्जों की रौशनी..♥♥♥♥♥♥♥
रौशनी प्यार की लफ्जों में उतर जाने दो!
गम के सैलाब को आँखों से बिखर जाने दो!

अपने चेहरे को बहुत माँज लिया है तुमने,
आओ कुछ वक्त जरा दिल को निखर जाने दो!

मेरे अपनों ने तो हर वक्त ही छला मुझको,
आज इस अजनबी बस्ती में ठहर जाने दो!

मुझको मालूम है खुशियों का दौर आएगा,
कारवां दर्द का जीवन से गुजर जाने दो!

"देव" मैं चुप हूँ मुझे कुछ भी नहीं कहना है,
मेरी खामोशी को कुछ देर संवर जाने दो!"

.............चेतन रामकिशन "देव".............










♥दिल का हाल..♥


♥♥♥♥♥♥♥दिल का हाल..♥♥♥♥♥♥
हाल दिल का सुनाने से क्या फायदा!
यूँ ही आंसू बहाने से क्या फायदा!

वो जिन्होंने मुझे पल में ठुकरा दिया,
उनको अपना बताने से क्या फायदा!

बन गए ज़ख्म दिल के जो नासूर अब,
उन पे मरहम लगाने से क्या फायदा!

प्यार करना है तो तुम करो रूह से,
यूँ ही रस्में निभाने से क्या फायदा!

जो है तकदीर में "देव" मिल जायेगा,
यूँ किसी को गिराने से क्या फायदा!"


........चेतन रामकिशन "देव"..........