♥♥♥दो घड़ी प्यार... ♥♥♥♥
रोज़ इनकार न किया करिये।
दो घड़ी प्यार भी किया करिये।
बिजलियाँ ही न गिराओ दिल पर,
थोड़ी बौछार भी किया करिये।
नाम कागज़ पे सिर्फ क्या लिखना,
सच में हक़दार भी किया करिये।
कैसी हो जीती हो सिर्फ अपने लिए ,
मेरा किरदार भी जिया करिये।
देखके हमको क्यों झुकाओ नज़र,
उनसे कुछ वार भी किया करिये।
अपनी जिद ही, नहीं हमेशा सही
थोड़ा मनुहार भी किया करिये।
" देव " मेरे बिना, न जी पाओ ,
सच को स्वीकार भी किया करिये।
चेतन रामकिशन "देव "
दिनांक-२७ -०४ -२०१९
(सर्वाधिकार सुरक्षित, मेरी ये रचना मेरे ब्लॉग http://chetankavi.blogspot.in पर पूर्व प्रकाशित)