Tuesday, 11 February 2014

♥♥♥…तेरी एक तस्वीर ♥♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥…तेरी एक तस्वीर ♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
फूलों के मकरंद से हमदम, तेरी एक तस्वीर बनाऊँ!
हरियाली के हरे रंग से, चूड़ी कंगन तेरे सजाऊँ!
आसमान से चंदा लाकर, जड़ दूँ मैं तेरी बिंदिया में,
और तेरी प्यारी आँखों में, हमदम अपनी झलक दिखाऊँ!

धूप से थोड़ी किरणें लेकर, गाल तुम्हारे लाल करूँगा!
और फूलों के गजरे से मैं, सुन्दर तेरे बाल करूँगा!

मनोहारी तस्वीर बनेगी, जिसको हर पल गले लगाऊँ !
फूलों के मकरंद से हमदम, तेरी एक तस्वीर बनाऊँ...

धीरे धीरे कुछ दिन में, तस्वीर तुम्हारी पूरी होगी!
हर लम्हा तुम पास रहोगी, पल भर की न दूरी होगी!
"देव" मेरा मन जब भी चाहे, छू लूँ मैं तस्वीर तुम्हारी,
न दुनिया का डर होगा न मिलने में मज़बूरी होगी!

धवल श्वेत मोती की माला, गले में तेरे पहना दूंगा!
तेरी आँख से नीर चुराकर, खुशी का तुझको गहना दूंगा!

बात तेरी तस्वीर से करके, तेरे ख्वाबों में खो जाऊँ!
फूलों के मकरंद से हमदम, तेरी एक तस्वीर बनाऊँ!"

.................चेतन रामकिशन "देव"…...............
दिनांक-११.०२.२०१४