Friday 6 December 2013

♥♥रंग प्रेम का...♥♥

♥♥♥रंग प्रेम का...♥♥♥♥
प्रेम ऋषि की बोली जैसा!
प्रेम सुखद रंगोली जैसा!
प्रेम दीवाली और ईद में,
रंग प्रेम का होली जैसा!

प्रेम, भावना की ज्योति है!
प्रेम सदा उज्जवल मोती है!
प्रेम हो जिसके मन में उसकी,
सोच नहीं विकृत होती है!

प्रेम सुगन्धित फूलों सा है,
प्रेम है चन्दन, रोली जैसा!
प्रेम दीवाली और ईद में,
रंग प्रेम का होली जैसा …।

प्रेम सलिल एहसासों में है!
प्रेम अटल विश्वासों में है!
"देव" प्रेम है प्रेरक शक्ति,
प्रेम नवल प्रयासों में है!

प्रेम जनम है, प्रेम गति है,
है परिणय की डोली जैसा!
प्रेम दीवाली और ईद में,
रंग प्रेम का होली जैसा!"

....चेतन रामकिशन "देव"…।
दिनांक-०६.१२.२०१३