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हुनर हाथों में रखना है, नजर मंजिल पे लानी है!
भले तूफां में हो किश्ती, हमें साहिल पे लानी है!
भरोसे बैठकर किस्मत के, कुछ भी पा नहीं सकते!
बिना बादल बने आकाश पे, हम छा नहीं सकते!
गगन को देखना तो "देव" है, आसान पर लेकिन,
बिना साहस के तारे तोड़कर, हम ला नहीं सकते!
है जब तक जान हमको, जिंदगी हंसकर बितानी है!
हुनर हाथों में रखना है, नजर मंजिल पे लानी है!"
..................चेतन रामकिशन "देव"..................
दिनांक-१३.०७.२०१३
हुनर हाथों में रखना है, नजर मंजिल पे लानी है!
भले तूफां में हो किश्ती, हमें साहिल पे लानी है!
भरोसे बैठकर किस्मत के, कुछ भी पा नहीं सकते!
बिना बादल बने आकाश पे, हम छा नहीं सकते!
गगन को देखना तो "देव" है, आसान पर लेकिन,
बिना साहस के तारे तोड़कर, हम ला नहीं सकते!
है जब तक जान हमको, जिंदगी हंसकर बितानी है!
हुनर हाथों में रखना है, नजर मंजिल पे लानी है!"
..................चेतन रामकिशन "देव"..................
दिनांक-१३.०७.२०१३