♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥बेरोजगार युवा...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
पढ़-लिखकर भी युवा देश का, रोजगार को भटक रहा है!
उनका पेट है भूख से खाली, आंख से आंसू छिटक रहा है!
लेकिन देश की सरकारों को, उनकी कोई फ़िक्र नही है!
युवा की खातिर रोजगार का, करता कोई जिक्र नहीं है!
युवा वर्ग कुंठित होकर, देखो फांसी पर लटक रहा है!
पढ़-लिखकर भी युवा देश का, रोजगार को भटक रहा है!"
.................चेतन रामकिशन "देव"........................
दिनांक--१८.०४.२०१२