♥♥♥♥♥♥♥♥दर्द का चेहरा.♥♥♥♥♥♥♥♥♥
दुनिया से अपने दर्द का चेहरा छुपा लिया!
रोती हुई आँखों को भी, मैंने हंसा दिया!
जब से मिली है उनकी ये नूरानी मोहब्बत,
मैंने यहाँ गम से भरा, सूरज बुझा दिया!
नफरत का जहर, मुझपे नहीं करता है असर,
दिल में जो मैंने प्यार का, मंजर सजा लिया!
दिल कहता है ये झूठ है, पानी का बुलबुला,
लफ्जों को मैंने सच का, फलसफा सिखा दिया!
हिम्मत ने मेरी "देव", मुझे चाहा है इतना,
जीवन की मुश्किलों से भी, लड़ना सिखा दिया!"
.........चेतन रामकिशन "देव"..........
दिनांक-२९.०१.२०१३