" आवाज मेरे मन की " " Voice of My Mind "
Thursday, 3 July 2014
"
ख़ून बहे न मज़लूमों का, हर कोई ख़ुशहाल रहे बस,
मंदिर, मस्जिद, गिरजा, द्वारा, हर इंसा की दुआ यही हो! "
.......................चेतन रामकिशन "देव".........................
दिनांक-०४.०७ २०१४
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