Wednesday 21 December 2011


♪♫•*¨*•.¸¸❤¸¸❤¸¸.•*♪♫•*¨*•माँ.¸¸❤¸¸.*•♫♪❤¸*•♫¸¸❤¸¸.*•♫♪❤¸*•♫
सुमन की खुश्बू से घर महकता, मनों में आशाओं की किरण है!
कभी न उस घर में सूनापन हो, वो जिन घरों में माँ के चरण हैं!

चलो के माँ के सुनहरे आंचल में रखके मस्तक दुलार पायें!
किसी खुदा की ना हो जरुरत, यदि जो माँ का दीदार पायें!

आशीष माँ का हमारे संग में, सदा कवच जैसा आवरण हैं!
कभी न उस घर में सूनापन हो, वो जिन घरों में माँ के चरण हैं!"


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----माँ, कोई पर्याय नहीं! कोई तुलना नहीं! अतुलनीय छवि! माँ को नमन!"
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक---२२.१२.११