♥♥♥♥♥♥बदहवास...♥♥♥♥♥♥♥
भूख बाकी है, प्यास बाकी है।
जिंदगी बदहवास बाकी है।
मेरी आंखें भले दीये जैसी,
रौशनी की तलाश बाकी है।
गूंजी शहनाई, गैर की खातिर,
बिन तेरे वो उदास बाकी है।
देह मिट्टी की मिट गयी लेकिन,
याद का वो लिबास बाकी है।
बिक गया घर शराब की लत में,
जाम का वो गिलास बाकी है।
बेवफा है वो पर न जाने क्यों,
उसके आने की आस बाकी है।
"देव" नफरत ने किसको क्या बख़्शा,
खून, चीखें हैं लाश बाकी है। "
........चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-१५.०६.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित।
भूख बाकी है, प्यास बाकी है।
जिंदगी बदहवास बाकी है।
मेरी आंखें भले दीये जैसी,
रौशनी की तलाश बाकी है।
गूंजी शहनाई, गैर की खातिर,
बिन तेरे वो उदास बाकी है।
देह मिट्टी की मिट गयी लेकिन,
याद का वो लिबास बाकी है।
बिक गया घर शराब की लत में,
जाम का वो गिलास बाकी है।
बेवफा है वो पर न जाने क्यों,
उसके आने की आस बाकी है।
"देव" नफरत ने किसको क्या बख़्शा,
खून, चीखें हैं लाश बाकी है। "
........चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-१५.०६.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित।