♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥जीवन की क्षमता ..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
जीवन की कर्मठ क्षमता को, जो बलशाली कर जाते हैं!
जो बंजर में भी मेहनत से, इक हरियाली कर जाते हैं!
इस दुनिया में मरकर के भी, याद वही आते हैं देखो,
जो व्यक्ति अपने कर्मों से, जग खुशहाली कर जाते हैं!
जो मानवता की पीड़ा पर, दो आंसू भी नहीं बहाते!
जो गिरते इंसान को देखो, हाथ पकड़ कर नहीं उठाते!
जो बस मूक बधिर होकर के, कभी किसी का दर्द सुनें न,
जो करते हैं प्यार के दावे, प्यार को लेकिन नहीं निभाते!
ऐसे जन ही मानवता का, नाम कलंकित कर जाते हैं!
जो जीवित होते हैं लेकिन, मानवता से मर जाते हैं!
ऐसे लोगों को दुनिया में, दिल से इज्ज़त कभी मिले न,
जो बस अपने निजी स्वार्थ में, सच्चाई से डर जाते हैं!
लेकिन "देव" जमाने भर में, वही लोग अच्छे होते हैं!
जो औरों के दर्द में देखो, अपनेपन के संग रोते हैं!
जो दुनिया में अपनेपन के, भाव जगाते हैं बोली से,
जो नफरत के पेड़ काटकर, प्रेम भरे अंकुर बोते हैं!
देश की खातिर रगों में अपनी, गर्म लहू जो भर जाते हैं!
जीवन की कर्मठ क्षमता को, जो बलशाली कर जाते हैं!"
.....................चेतन रामकिशन "देव"..................
दिनांक-२३.०५.२०१३