Wednesday, 23 March 2011

‎***********आम आदमी( देश की रीढ़),simple man (the backbone of the country )


‎***********आम आदमी( देश की रीढ़)******************
"पत्थर की कोई शिला नहीं हूँ!
खंडहर, सूना किला नहीं हूँ!
जन्मा हूँ मैं हाड़-मांस से,
कंदराओं से मिला नहीं हूँ!

मैंने भी इस वतन की खातिर, अपने तन का लहू बहाया!
शोषण सहकर के भी मैंने, देश को नीचा नहीं दिखाया!

आम आदमी हूँ तो क्या, मेरे जिस्म में जान नहीं है!
क्यूँ मुझको ठुकराते हो, क्या मेरी कौम इंसान नहीं है.............

कागज जैसा जला नहीं हूँ!
और बर्फ से गला नहीं हूँ!
झुलसी सूरत धूप से मेरी,
संसाधन में पला नहीं हूँ!

जून मई की धूप में मैंने, अपना सारा बदन तपाया!
शोषण सहकर के भी मैंने, देश को नीचा नहीं दिखाया!

आम आदमी हूँ तो क्या, मेरे कुछ अरमान नहीं है!
क्यूँ मुझको ठुकराते हो, क्या मेरी कौम इंसान नहीं है.............

"किसी भी देश के उत्थान, निर्माण और गतिमान दशा को मजबूत करने के लिए "आम आदमी" की महत्त्व पूर्ण भूमिका होती है! लेकिन इसके बाबजूद उसका शोषण होता है! तो आइये अपने स्तर से "आम आदमी" के शोषण को कम करने का प्रयास करें- चेतन रामकिशन(देव)"

नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.com में पूर्व प्रकाशित हो चुकी है |
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*********** simple man (the backbone of the country )***************
"do not rock a rock!
Ruins, deserted fort'm not!
I was born bone - meat,
Have not seen the cave!


I also for the sake of the homeland, shed the blood of your body!
I have also suffered abuse, the country did not let down!

So will the common man, life is not in my body!
Why have rejected me, my race is not a human being…………………….

As the paper will not burn!
And snow-strangled'm not!
My scorched face the sun,
Processing'm not up!


May-June in the sunshine, tempered his whole body!
I have also suffered abuse, the country did not let down!

So will the common man, some of my desires is not
Why have rejected me, my race is not a human being.!”

"the rise of any country, state building and moving to strengthen the " common man "full of the important role that! but still it is exploitation! so come to our level" common man "to reduce the exploitation of Try - chetan ramkishan (Dev) "

Note: The creation my blog "www.chetankavi.blogspot. com" has been published before in.

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प्यार (दिल का दर्द), Love (heart pain)

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्यार (दिल का दर्द)♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
"प्यार के वादे क्यूँ करते थे, क्यूँ करते थे हमसे बातें!
क्यूँ मिलने आते थे हमसे, क्यूँ जगते थे सारी रातें!
कहते थे की सारी खुशियाँ कर दूंगा मैं तेरे अर्पण,
लेकिन फिर भी दे गए मुझको, अश्कों से भीगी बरसातें!


जिस दिल को अपना कहते थे, उस दिल को ही तोड़ गए हो !
तन्हा तन्हा अश्क बहाऊ, इस हालत में छोड़ गए हो!

काश तुम्हारे मन की नियत, पहले से मुझको दिख जाती!
ना तुमको मैं दिल देती और ना ही तुमसे प्यार निभाती!...............


तेरे प्यार की खातिर मैंने अपनों का दामन ठुकराया!
तोड़ के सारी जंजीरें वो, तुझको अपना हाथ थमाया!
तेरे दर्द को देख के मैंने नम कर ली थी अपनी आंखें,
तेरे प्यार की ख्वाहिश में, अपना हर अरमान मिटाया!

लाके बीच समुन्दर में तुम, अब अपना मुंह मोड़ गए हो!
तन्हा तन्हा अश्क बहाऊ, इस हालत में छोड़ गए हो!

काश तुम्हारे मन की नियत, पहले से मुझको दिख जाती!
ना तुमको मैं दिल देती और ना ही तुमसे प्यार निभाती!...............

काश तुम्हारी सोच कलुषित, पहले से मुझको दिख जाती!
ना तुमको मैं दिल देती और ना ही तुमसे प्यार निभाती!”


"प्यार में दिल टूटने पर, बहुत तकलीफ होती है! इसलिए किसी का दिल ना तोडें- चेतन रामकिशन( देव)"

नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.com में पूर्व प्रकाशित हो चुकी है |
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♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ Love (heart pain) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"Why used the promise of love, why things used to us!
Why had come to meet us, why was awake all night!
I would say your dedication will make all the happiness,
But even were giving me, tears wet with rain!

Its called the heart, the heart was breaking!
Lonely lonely tears shed, the condition is left!

Wish your mind set, is already showing me!
I love you heart you would not play nor !...............


For the sake of your love I own rejected the tail!
He broke all the chains, Maine handed his hand!
You see the pain I had to wet his eyes,
To aspire to your love, your every desires deleted!


Wish you think foul, is already showing me!
I love you heart you would not play nor !”

"Love on the heartbreak, too hurts! why not break hearts - chetan ramkishan (Dev)"

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