Tuesday, 3 September 2013

♥♥एहसास की खुश्बू ..♥♥

♥♥♥♥एहसास की खुश्बू ..♥♥♥♥♥♥♥
मेरे एहसास की खुश्बू में, समाई है तू!
मेरी पाकीजा इबादत की, कमाई है तू!

तुझसे मिलकर मेरी आँखों में खुशी दिखती है,
मेरी बेचैन कराहों की, दवाई है तू!

थामकर हाथ तेरा मुझको, मिली है राहत,
घिरे तूफान से, बाहर मुझे लाई है तू!

तुझसा कोई भी सखी, है नहीं ज़माने में,
देख कुदरत ने तसल्ली से, बनाई है तू!

"देव" एहसास तेरे, दिल से न जुदा होंगे,
मेरे लफ्जों में ग़ज़ल बनके, समाई है तू!"

..........चेतन रामकिशन "देव"..........
दिनांक-०३.०९.२०१३