Wednesday, 6 November 2013

♥♥मोहब्बत की चांदनी....♥♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥मोहब्बत की चांदनी....♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तुम्हारी मोहब्बत की इस चांदनी ने, के मिटटी से सोना मुझे कर दिया है!
के आँखों को मेरी दिखाए हैं सपने, के खुशियों से आंगन मेरा भर दिया है!
तुम्ही ने बहाकर के भावों की सरिता, मेरी लेखनी को अमर कर दिया है,
के जीता हूँ हंसकर मैं गाकर के अब तो, के तुमने हंसी का असर कर दिया है!

मोहब्बत की बातें सुहानी लगे हैं, के जबसे तुम्हारी मोहब्बत मिली है!
के जीवन में बरसी ये सावन की बारिश, के साँसों में तेरी ही खुशबु घुली है!

मैं आँखों के सपने सजाने लगा हूँ, के तुमने ही ऐसा हुनर कर दिया है!
तुम्हारी मोहब्बत की इस चांदनी ने, के मिटटी से सोना मुझे कर दिया है....

मेरे साथ रहना सदा जिंदगी भर, मैं पल भर की दूरी नहीं सह सकूंगा!
के साँसों के बिन तो मैं जी लूंगा शायद, मगर बिन तुम्हारे नहीं रह सकूंगा!
बिना तेरे थम जाए मेरी रवानी, के मैं बनके सागर नहीं बह सकूंगा,
के पढ़लो मेरी आँखों में "देव" चाहत, मैं लफ्जों से कुछ भी नहीं कह सकूंगा!

मैं तेरे ख्यालों में जीता हूँ क्यूंकि, तुम्हे प्यार दिल से मैं करने लगा हूँ!
तुम्हारी मोहब्बत की इस चांदनी से, के मैं रोशनी सा निखरने लगा हूँ!

के तुमने ही जीवन के पतझड़ को मेरे, के हाथों से छूकर शज़र कर दिया है!
तुम्हारी मोहब्बत की इस चांदनी ने, के मिटटी से सोना मुझे कर दिया है!"

........................…चेतन रामकिशन "देव"…............................

दिनांक-०६.११.२०१३