Monday, 31 March 2014

♥बेबसी का तूफान…♥

♥♥♥बेबसी का तूफान…♥♥♥♥
दिल में तूफान बेबसी का है!
दर्द कितना ये मुफ़लिसी का है!

दिल पे पत्थर मैं रखके जीता हूँ,
वरना आलम तो ख़ुदकुशी का है!

सांस भारी हैं और बेचैनी,
इम्तहां आज फिर किसी का है!

सारी दुनिया में बह रही खुशियां,
मेरा मौसम तो नाख़ुशी का है!

लोग इल्ज़ाम यूँ लगाते हैं,
जैसे ईनाम ये ख़ुशी का है!

मेरा दिल तोड़कर के वो बोले,
ये खिलौना महज हँसी का है!

"देव" जो रूह से निभाएगा,
प्यार में मुझपे, हक़ उसी का है!"

........चेतन रामकिशन "देव"…......
दिनांक- ०१.०४.२०१४