Sunday 18 May 2014

♥तेरी आँखों से..♥

♥♥♥♥♥तेरी आँखों से..♥♥♥♥♥
तेरी आँखों से हमें प्यार मिले!
तेरी आवाज़ से क़रार मिले!

तेरी ज़ुल्फ़ों में बूंद पानी की,
जैसे सावन भरी फुहार मिले!

बिन तेरे जिंदगानी पतझड़ थी,
तेरे आने से हर बहार मिले!

अपनी छत पर जो तुम चली आओ,
चांदनी रात को निखार मिले!

देखकर तुमको ऐसा लगता है,
तेरा दीदार बार बार मिले!

बस दुआ फूल की तुम्हारे लिए,
न ही उलझन, न कोई ख़ार मिले!

"देव" तुझको नज़र से छू लूँ जब,
सारा आलम ये खुशगवार मिले!"

..........चेतन रामकिशन "देव".......... 
दिनांक-१९.०५.२०१४