Wednesday, 19 September 2012




♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥हर्ष का वितरण....♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
हर्ष का वितरण करना होगा, सच का विचरण करना होगा!
प्रेम को उन्नत करने हेतु,  हमे समर्पण करना होगा!

नैतिकता के संवाहक बन,  मर्यादा का पालन करके,
अपने जीवन में लक्ष्यों को, चयनित और निर्धारण करके!
हम सबको जीवन के पथ में, शुद्ध आचरण करना होगा.....

नहीं पराजय से भय खाकर,  हमको भूमिगत होना है!
हमे सदा अपने जीवन में, साहस का अंकुर बोना है!
मन में भरके विजय की आशा, पुन: अवतरण करना होगा!"
........"शुभ-दिन"........चेतन रामकिशन "देव".............


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥आँखों की बरसात..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
रिमझिम रिमझिम बारिश जैसी, आँखों से बरसात हुई !
गम के साये में दिन निकला, और गम में ही रात हुई!

कल तो जो मेरी चाहत की, अम्बर से तुलना करता था,
आज उसी के हाथों देखो, मेरे प्यार की मात हुई!

जिधर भी देखो आज उधर ही, नफरत का धुआं उड़ता है,
इंसानों की कौम भी देखो, खुंखारों की जात हुई!

जो मिलने का वादा करके, वक़्त से पहले आ जाता था,
आज न जाने किस वजह से, उसको बड़ी अनात हुई!

"देव" जो मेरी तस्वीरों को, सिरहाने रखकर सोता था,
आज उसी इंसान से मानो, गैरों जैसी बात हुई!"

"अनात-देरी"

...............चेतन रामकिशन "देव"..................