♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥मेहँदी का रंग ♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सावन के झूलों पे रौनक, और मेहँदी पे रंग आया है!
जब से मैंने इस दुनिया में , सखी तुम्हारा संग पाया है!
बिना तुम्हारे मेरा जीवन, थका थका और दिशाहीन था,
सखी तुम्हारे से प्यार से मुझको, इस जीवन का ढंग आया है!
सखी चाँद सा चेहरा तेरा, तुझे देखकर ईद मनाऊं!
कुछ तू अपनी बात सुनाना, कुछ मैं अपनी तुझे सुनाऊं!
शब्द भी तेरे प्यार में डूबे, गीत भी तेरे संग गाया है!
सावन के झूलों में रौनक, और मेहँदी पे रंग आया है!"
......................चेतन रामकिशन "देव"....................
दिनांक-०८.०८.२०१३