Monday, 6 May 2013

♥♥प्यार की कुमकुम.♥♥



♥♥प्यार की कुमकुम.♥♥♥ 
तुम गर्मी में हिम जैसी हो!
वर्षा की रिमझिम जैसी हो!
तुम रोली हो, तुम चन्दन हो,
और तुम ही कुमकुम जैसी हो!

पावन गंगा के जल जैसी!
तुम अम्बर के बादल जैसी!
तुम हाथों के कंगन जैसी,
तुम पैरों की पायल जैसी!

तुम मलमल की अनुभूति हो,
और तुम्हीं रेशम जैसी हो!
तुम रोली हो, तुम चन्दन हो,
और तुम ही कुमकुम जैसी हो...

तुम कोमल हो, दयावान हो!
तुम वीणा की मधुर तान हो!
"देव" तुम्हीं नीलम रत्नों में,
तुम सपनों का आसमान हो!

नयी नवेली सुबह में तुम,
और निशा पूनम जैसी हो!
तुम रोली हो, तुम चन्दन हो,
और तुम ही कुमकुम जैसी हो!"

..चेतन रामकिशन "देव"...
दिनांक-०६.०५.२०१३

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