Monday 12 August 2013

♥♥ एहसासों की नरमी..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥ एहसासों की नरमी..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सखी रिक्त है मेरा जीवन, प्रेम से मेरी झोली भर दो!
इन्द्रधनुष के रंग भेजकर, जीवन को रंगोली कर दो!
बिना प्रेम के मेरा जीवन, रहता है बस मुरझाया सा,
सखी मेरे गुमसुम जीवन को, दीवाली और होली कर दो!

सावन की मेहँदी से अपने, दिल पे तेरा नाम लिखा है!
हरियाली और खुशहाली में, सखी तुम्हारा रूप दिखा है!
"देव" तुम्हारे प्यार से, मैंने एहसासों की नरमी पाई,
सखी तुम्हारे प्यार से गजलें, और मनभावन गीत लिखा है!

तुम बिन हूँ मैं मिट्टी का कण, छूकर मुझको रौली कर दो!
सखी रिक्त है मेरा जीवन, प्रेम से मेरी झोली भर दो!"

......................चेतन रामकिशन "देव"....................
दिनांक-१२.०८.२०१३