Saturday, 13 July 2013

♥♥देह की छिलन..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥देह की छिलन..♥♥♥♥♥♥♥
शब्द से भाव का जब भी, ख्याल मिलता है!
मेरे एहसास में तब गीत नया खिलता है!

वैसे मिलते हैं सफ़र में तो हजारों साथी,
कोई कोई ही मगर, साथ सदा चलता है!

मैं यही सोच के पत्थर के पूजने निकला,
लोग कहते हैं पत्थर में, खुदा मिलता है!

नाम के तो हैं यहाँ, लाखों, हजारों सूरज,
कोई जांबाज ही दीपक की तरह जलता है!

"देव" कांटो ने मुझे कोई चुभन न बख्शी,
फूल की शाख रगड़ने से, बदन छिलता है!"


...........चेतन रामकिशन "देव".............
दिनांक-१४.०७.२०१३

♥♥ख्वाबों का गीत...♥♥

♥♥♥♥♥♥♥ख्वाबों का गीत...♥♥♥♥♥♥♥
चांदनी रात में एक ख्वाब सजाया जाये!
तेरी तारीफ में एक गीत बनाया जाये!

इस जनम में नहीं भरता है मोहब्बत से दिल,
सात जन्मों के लिए प्यार निभाया जाये!

ये अँधेरा भी घना पल में सिमट जायेगा,
दीप उम्मीद का जो एक जलाया जाये! 

नहीं मजहब, नहीं दौलत, न सियासत कोई,
प्यार तो दुनिया में बस, प्यार से पाया जाये!

"देव" मरके भी हमे लोग, न भुला पायें,
बनके आकाश चलो, दुनिया पे छाया जाये!"

..........चेतन रामकिशन "देव"..................
दिनांक-१३.०७.२०१३