♥♥♥♥♥जब भी मिलने..♥♥♥♥♥♥
जब भी मिलने मेरे घर आया करो!
चांदनी बनके बिखर जाया करो!
प्यार की रात, खत्म न हो कभी,
रात का वो वजूद लाया करो!
तेरी आँखों में, डूबना भाये,
मुझसे नजरें नहीं चुराया करो!
जिस्म तो खाक में मिल जायेगा,
रूह में मेरी तुम, समाया करो!
काट लेंगे के सफर, काँटों का,
मेरे संग संग कदम, बढाया करो!
न जुदाई, न आंसुओं की तड़प,
गीत खुशियों के, सिर्फ गाया करो!
"देव" तुम बिन नहीं वजूद मेरा,
छोड़के मुझको नहीं जाया करो!"
....चेतन रामकिशन "देव".....
दिनांक-२५.०९.२०१३